ब्लैक बैंगल्स चैप्टर 13
ब्लैक बैंगल्स चैप्टर 13
मुक्कमल जिंदगी की अधूरी कहानी
हेलो एवरीवन कैसे हैं आप लोग.....उम्मीद करती हूं अच्छे होंगे अब तक आपने पढ़ा की....देवांश , रॉकी को ज्योति के बारे में पता करने के लिए कहता है रॉकी बताता है कि ज्योति के बारे में पता करने से उसे कबीर और कोई और भी रोक रहा है लेकिन कौन ....उसे नहीं पता वहीं ज्योति सबको मिशन के बारे में इंफोर्म करके जगह बता कर मिलने को कहती है और खुद भी जाने की तैयारी करने लगती है
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"अब आगे"
रॉकी कहता है अभी मुझे इतना ही पता है इसके अलावा मेरी इन्वेस्टिगेशन अभी भी जारी है और ब्लैक बैंगल्स के बारे में भी मेरी इन्वेस्टिगेशन जारी है देवांश कहता है "अब तुम जा सकते हो" रॉकी कमरे से बाहर निकल जाता है और देवांश सोफे से सर लगाकर बैठ जाता है
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"अगले दिन सुबह"
"ज्योति का घर"
सुबह के 4:00 बजे ज्योति की नींद खुलती है बेड पर बैठे हुए खुद से ही कहती है ........"चल बेटा ज्योति देखते हैं यह तेरी आखरी सुबह है या किस्मत ने अगली सुबह भी लिखी है".......और मुस्कुरा देती है
और उठकर तैयार होने चली जाती है थोड़ी देर में नहा कर आती है और हल्का सा ग्रीन कलर का पिंक बॉर्डर वाला लहंगा चोली पहनती है बालों को खुला छोड़ देती है और तैयार होकर मंदिर के लिए निकल जाती है......मंदिर जाकर पूजा करती है और पंडित जी से प्रसाद लेती है तो पंडित जी कहते हैं...."बिटिया बहुत दिन के बाद दिखी हो"...
ज्योति मुस्कुरा कर कहती है ..."हां पंडित जी परसों ही आई हूं" पंडित जी कहते हैं "बहुत अच्छी बात है"...उसके बाद ज्योति पंडित जी का आशीर्वाद लेकर बाहर आ जाती है......वो ऐसे ही बाहर जाने लगती है तभी..उसे एक औरत की आवाज आती है
जो कह रही थी....."अपनी किस्मत से अनजान अपनी किस्मत का फैसला खुद करने चली है".....इतना सुनकर ज्योति उस औरत की तरफ देखती है और फिर अपने अगल-बगल देखती है तभी उस औरत की आवाज फिर से आती है "तुझसे ही बात कर रही हूं इधर उधर क्या देख रही है"
ज्योति उस औरत के पास जाकर बैठ जाती है..
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"केरला"
"विराज का घर"
सुबह 4:00 बजे बिराज की आंखें खुलती है विराज एक अंगड़ाई के साथ उठता है और खुद से ही कहता है.....चल बेटा विराज अगर फ्लाइट छूटी तो तू लेट हो जाएगा" .....और अगर तू लेट हुआ तो "मिस शर्मीली तुझे जीने नहीं देगी".....और उठकर तैयार होने चला जाता है थोड़ी देर में रेडी होकर विराज जैसे ही कमरे से बाहर निकलता है सामने ही उसे मिस्टर करिअप्पा मिल जाते हैं
विराज को ऐसे वाइट शर्ट और ब्लैक पेंट में देख मिस्टर करिअप्पा कहते हैं क्या बात है आज वर्दी की जगह यह कपड़े विराज कहता है अप्पा आपकी ऑफिसर ने बुलाया है और "अगर मैं लेट हो गया"...तभी विराज की बात काटते हुए मिस्टर करिअप्पा कहते हैं "तो वह तुम्हें मिशन से बाहर कर देगी".....तभी विराज कहता है एक्जेक्टली और दोनों एक साथ हंस देते हैं
और नाश्ता करने बैठ जाते हैं विराज कहता है अप्पा "आज इतनी सुबह नाश्ता".....तो मिस्टर करिअप्पा कहते हैं "मुझे पता था तुम जरूर जाओगे".......इसलिए मैंने नाश्ता बनवा दिया और दोनों नाश्ता करने बैठ जाते हैं नाश्ता करते हुए विराज कहता है अप्पा आपकी ऑफिसर इतनी स्ट्रिक्ट क्यों है मुझे तो यह लगता है "इसका कोई बॉयफ्रेंड होगा भी या नहीं"
तभी मिस्टर करिअप्पा कहते हैं ....."वह अपने काम को लेकर बहुत स्ट्रिक्ट है लेकिन बहुत प्यारी भी है".........."उसे समझोगे तो आसानी से समझ जाओगे वर्ना उलझ कर रह जाओगे"....कुछ देर ऐसे ही बात करने के बाद विराज अपने डैड के गले मिलता है और कहता है "अगर वापस नहीं आया तो"..
मिस्टर करिअप्पा उसके गाल थपथपाते हुए कहते हैं "तुम उसके साथ जा रहे हो वापस जरूर आओगे".....और अब "जल्दी से जाकर आओ नहीं तो मेरे हाथ से मार खाओगे".....विराज अपने दोनों हाथ ऊपर करते हुए कहता है "ओके ओके जा रहा हूं".....जल्दी मिलता हूं
इतना कहकर विराज वहां से निकल जाता है
"दिल्ली"
आर्मी कैंट अरमान ऑफिस में बैठा बार-बार अपनी घड़ी देख रहा था
आर्या अपने घर से अपना बेग लेकर निकलता है और बड़बड़ाता हुआ तेज़ बाइक भगाता है... "आज ये राक्षस तुझे कच्चा चबा जायेगा आर्या जल्दी नही पहूँचा तो"..... आर्या जैसे ही यूनिट पहुँचता है... गाड़ी पार्क कर अपना बेग लेकर अरमान की ऑफिस की तरफ भागता है.... उसे ऐसे भागते देख एक लड़का कहता है.... "आर्या सर आप लेट है" आर्या उसे घूरते हुए कहता है "तुझे मुझे डराने की जरूरत नहीं है"......"मैं जानता हूं कि मैं लेट हूं"...और भागता हुआ ऑफिस की तरफ बढ़ जाता है आर्या जैसे ही ऑफिस पहुंचता है जल्दी से अंदर आकर अरमान को सैल्यूट करते हुए कहता है "जय हिंद सर लेट आने के लिए माफी चाहूंगा आप जोभी सजा दोगे मुझे मंजूर है".....लेकिन फिलहाल हमारी फ्लाइट के लिए देर हो रही है जल्दी चलते हैं
अरमान कहता है "जय हिंद"....और चेयर से उठते हुए कहता है "तुम्हारा हर बार का यही हाल है"......तुम हर बार लेट होते हो मुझे तो यह समझ नहीं आता "ज्योति तुम्हें हर मिशन में रखती क्यों है" कहकर ऑफिस से बाहर निकल जाता है
आर्या भी उसके पीछे पीछे बोलते हुए निकल जाता है ...."वो क्या है ना मैं हूं ही इतना स्मार्ट कि कोई भी लड़की मुझे मना कर ही नहीं पाती"......अरमान चलते हुए कहता है "यह बात तुम किसके बारे में बोल रहे हो तुम्हें पता है ना"......."अगर उसे पता चला तो वह तुम्हारे साथ क्या करेगी"...."तुम अच्छे से जानते हो"...अब चुपचाप अपना मुंह बंद करके चलो नहीं तो मैं तुम्हें यही छोड़ कर चला जाऊंगा
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"पटना"
"देवांश का कमरा"
सुबह 5:00 बजे देवांश की आंख खुलती है देवांश उठकर तैयार होता है और कॉल करता है ......"5 मिनट में मेरे कमरे में आओ नाश्ते के साथ"......थोड़ी देर में रॉकी नाश्ता लेकर कमरे में आता है
देवांश नाश्ता करते हुए कहता है "हमारे अमेरिका जाने की तैयारी करो थोड़ी देर में अमेरिका के लिए निकलेंगे"...तभी रॉकी कहता है "बॉस अमृतसर में तेजा और शेख की मीटिंग होने वाली है" उसका क्या करना है
देवांश रॉकी को घूर कर देखता है और कहता है "इन छोटे-छोटे गुंडे मवाली से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता"....तभी रॉकी कहता है बॉस "तेजा और शेख कोई आम गुंडे नहीं है".....गैंगस्टर वर्ल्ड के फेमस माफियाज में से एक है और अगर आज उनकी डील होती है तो इस देश के लिए सही नहीं होगा देवांश उसे तिरछी नजर से देखते हुए कहता है
"रॉकी तुम्हें कब से इस देश की फिक्र होने लगी" रॉकी सीधे से कहता है "यहां डील हमें करनी है और अगर यह डील उन दोनों के बीच होती है तो हमें नुकसान हो सकता है"...देवांश आराम से कहता है "यह डील नहीं होगी"...
और "अगर हुई भी तो इसे अपने फेवर में करना मुझे अच्छे से आता है"......फिलहाल हमारी अमेरिका जाने की तैयारी करो और रात को ही वापस आने की...."इस बार कुछ बड़ा खेल खेलते हैं इतना कहकर देवांश के चेहरे पर एक मिस्टीरियस स्माइल आ जाती है थोड़ी देर में नाश्ता करके दोनों एयरपोर्ट के लिए निकल जाते हैं
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"पटना"
वह औरत बिना आंख खोलें कहती है ......"सब कुछ सामने है फिर भी अनजान बन रही है".....सब कुछ देख कर भी तू कुछ नहीं देख पा रही है"....."ज्योति असमंजस में उस औरत को देखते हुए कहती है आप क्या कहना चाह रही हैं"....."मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है" वह औरत आंखें खोलती है और कहती है
"जिस जंग को तू लड़ने जा रही है वह जंग तेरी जिंदगी की पहली और आखरी जंग होगी"......"भगवान तेरी रक्षा करें"..इतना कहकर वह दोबारा अपनी आंखें बंद कर लेती है
ज्योति कुछ देर उसे देखती है फिर कहती है "अगर सलामत रही आपसे मुलाकात दोबारा होगी"... वह औरत आंखें बंद किए हुए ही मुस्कुरा देती है और कहती है "तेरी मुकम्मल जिंदगी की अधूरी कहानी यही लिखी जाएगी"....ज्योति बिना कुछ बोले वहां से चली जाती है
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"दिल्ली"
विक्रम सिंह बैठे अपने घर पर कोई नई स्ट्रैटेजी बना रहे थे तभी उनके फोन पर मैसेज आता है ......विक्रम सिंह जैसे ही वो मैसेज खोलते हैं उस मैसेज पर लिखा नाम देखकर उनकी आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती है.......
क्या लिखा था उस मैसेज में जो विक्रम सिंह के फोन पर आया?
किस बड़े खेल की बात कर रहा है देवांश ? देवांश का अमेरिका जाने के पीछे क्या मकसद है ? किस अधूरी कहानी की बात कर रही है वह औरत ? अगली सुबह क्या मोड लेगी सबकी जिंदगी?
जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी "ब्लैक बैंगल्स"
मिलते हैं अगले चैप्टर में तब तक खुश रहिए आबाद रहिए झांसी रहिए या अहमदाबाद रहिये
........... बाय बाय........
madhura
11-Aug-2023 06:58 AM
ला जवाब
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पृथ्वी सिंह बेनीवाल
01-Feb-2023 04:33 PM
बेहतरीन भाग
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Rajeev kumar jha
31-Jan-2023 01:12 PM
Nice part 👌
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